जानिए क्या बदलाव किया है भारत सरकार ने आयकर अधिनियमों में

भारत सरकार ने आयकर कानून में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए नया आयकर विधेयक 2025 संसद में पेश किया है, जो 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेगा। इस विधेयक का उद्देश्य कर कानून को सरल, स्पष्ट और विवाद-मुक्त बनाना है। मुख्य बदलाव:1. धाराओं की संख्या में वृद्धि: नए विधेयक में 536 धाराएं, 23 अध्याय और 16 अनुसूचियां शामिल हैं, जबकि पुराने अधिनियम में 298 धाराएं थीं। हालांकि, पृष्ठों की संख्या घटाकर 622 कर दी गई है, जिससे इसे पढ़ना और समझना आसान होगा। 2. ‘कर वर्ष’ की अवधारणा: ‘पिछला वर्ष’ शब्द को बदलकर ‘कर वर्ष’ (Tax Year) कर दिया गया है, और ‘असेसमेंट ईयर’ की अवधारणा को समाप्त कर दिया गया है। 3. अनुपालन में सुधार: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को कर प्रशासन से जुड़े नियमों को लागू करने, नए अनुपालन उपाय पेश करने और डिजिटल निगरानी प्रणाली लागू करने की शक्ति मिलेगी, जिससे कर प्रशासन अधिक गतिशील और पारदर्शी बनेगा। 4. भाषा का सरलीकरण: कानून की भाषा को सरल और स्पष्ट बनाया गया है, जिससे करदाताओं के लिए इसे समझना और अनुपालन करना आसान होगा। इन परिवर्तनों का उद्देश्य करदाताओं के लिए कर प्रणाली को अधिक सरल, पारदर्शी और विवाद-मुक्त बनाना है, जिससे स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा मिलेगा और कर प्रशासन में सुधार होगा।

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