उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू, विपक्ष का हंगामा

राज्यपाल के अभिभाषण के साथ उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ हुआ। अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने उत्तराखंड को समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बताया और इसे महिला हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम कहा।

उन्होंने राज्य की आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए बताया कि 2000-01 में प्रति व्यक्ति आय 16,232 रुपये थी, जो 2023-24 में बढ़कर 2,46,178 रुपये हो गई है।अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और सत्र की अवधि न बढ़ाने का विरोध किया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत कांग्रेस विधायकों ने वेल में जाकर नारेबाजी की। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री और विपक्षी विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। सत्ता पक्ष के विधायकों ने सरकार की उपलब्धियों पर मेज थपथपाकर समर्थन जताया, जबकि कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच बहस छिड़ गई। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने राज्यपाल के अभिभाषण का पाठ किया, जिसके बाद सदन को अगले दिन सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।इस बीच, भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे पूर्व विधायक भीम लाल समेत अन्य लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार पर जनता के मुद्दों को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस 15 दिन का सत्र कराने की मांग को लेकर सदन से सड़क तक विरोध करेगी। उन्होंने भू-कानून, स्मार्ट मीटर, भ्रष्टाचार, आपदा, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों को सदन में उठाने की बात कही।सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की उपस्थिति में ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण किया। इस बार बजट सत्र नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है, जिससे विधानसभा की कार्यवाही डिजिटल और पेपरलेस होगी। इसके तहत विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं और सभी दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे पर्यावरण संरक्षण और कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।उत्तराखंड विधानसभा का सत्र 20 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान सरकार दो विधेयक और तीन अध्यादेश पेश करेगी। 20 फरवरी को वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल बजट पेश करेंगे, जिसका अनुमानित आकार एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। इस बजट में महिला, युवा, गरीब, किसान और अवस्थापना विकास को प्राथमिकता दी जा सकती है।