जानिए क्या है अधिवक्ता संशोधन बिल2025!

जानिए क्या है अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 !अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित एक महत्वपूर्ण विधेयक है, जिसका उद्देश्य अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करना है। इसका मुख्य लक्ष्य कानूनी पेशे को अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और समकालीन चुनौतियों के अनुरूप बनाना है।प्रमुख प्रस्तावित संशोधन:1. मुवक्किलों के अधिकारों की सुरक्षा: यदि किसी अधिवक्ता की लापरवाही या कदाचार से मुवक्किल को वित्तीय नुकसान होता है, तो अधिवक्ता को उसकी भरपाई करनी होगी। 2. हड़ताल और न्यायालय बहिष्कार पर प्रतिबंध: अधिवक्ताओं द्वारा हड़ताल या न्यायालय का बहिष्कार करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। 3. बार काउंसिल्स का पुनर्गठन: बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) और राज्य बार काउंसिल्स की चुनाव प्रक्रिया में बदलाव और पुनर्गठन का प्रस्ताव है। 4. विदेशी कानून फर्मों का विनियमन: प्रस्तावित विधेयक में विदेशी कानून फर्मों के पंजीकरण और विनियमन का प्रावधान शामिल है। विरोध और चिंताएँ:इस विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर अधिवक्ता समुदाय में असंतोष है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने विधेयक के मसौदे पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यह बार की स्वायत्तता और स्वतंत्रता को कमजोर करता है। इसके अलावा, देश के विभिन्न हिस्सों में अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन और हड़तालें की हैं। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार करते हुए विधेयक का विरोध किया। सार्वजनिक परामर्श:विधि मामलों का विभाग (Department of Legal Affairs) ने मसौदा विधेयक पर जनता से टिप्पणियाँ और सुझाव आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व्यक्ति 28 फरवरी 2025 तक अपनी प्रतिक्रियाएँ ईमेल द्वारा भेज सकते हैं। इस विधेयक के पारित होने से भारत की कानूनी प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन संभावित हैं, जो अधिवक्ताओं और मुवक्किलों दोनों को प्रभावित करेंगे।अधिक जानकारी के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो को देख सकते हैं: